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तनाव

जब तनाव अधिक होता है न  तब गाता हूँ  रोता नहीं  पड़ोसी बोलते हैं-  गा रहा है  मस्ती में है  तनाव उनको होता है  मुझे तनाव नहीं होता। 

पाती नहीं आती !

अब चिट्ठी नहीं आती  किसी स्व-जन की कुशल पाती नहीं आती  उन की कठिनाइयों, अभाव से अवगत नहीं हो पाता  अब मेल आती है  जिनसे मेल नहीं उनकी! फोन आते हैं  जिन्हें कभी देखा नहीं  स्वर से सूरत का मिलान नहीं हो पाता  अपरिचित स्वर सुनाई देते है  जिसमें विनम्रता होती है, अपनत्व नहीं  अब अपने कहाँ  हमने तो इन्हें अतीत मे भेज दिया  अब उनकी भी मेल ही आती है  पाती नहीं आती ।

मेरे विचार!

मैं चुप रहा  क्या मैं डर गया  चुप्पी का डर।  2- सब चल रहे थे  मैं भी चला  चलता चला गया   पता नहीं कहाँ निकल आया  वापसी कैसे करूँ   ! 3- किसी ने कहा था  कुछ ने सुना था  सभी सुनने वालों ने  निकाले मतलब  अपने मतलब के । 4-  समझ लो  कोई नहीं बोल रहा  कोई बोलेगा भी नहीं  क्या सब गूंगे है ?  नहीं  सब बहरे हैं । 5-  अरे वाह !  चारो तरफ सन्नाटा है  कितनी शांति है!  नहीं,  कुछ देर पहले बम फटा था ।

मैं, तुम हूँ!

  तुम मुझे भूल गए क्या? मैं सदैव तुम्हारा साथ देता था  तुम्हारा सहारा था  सुख में  दुख मे  संघर्ष काल में  उबरने की  छटपटाहट मे  हाथ थाम लेता था  तुम सदैव विजित रहे  मेरे कारण  तुम मुझे भूल गए!  मैं  तुम हूँ  तुम्हारा अतीत  तुम भूल गया क्या? उठो, चल पड़ो!

शायद मैं थक गया हूँ!

  पैर उठते नहीं  शरीर को सहन नहीं कर पा रहे  शायद मैं थक गया हूँ  मस्तिष्क साथ नहीं दे रहा  अंग किसी की नहीं सुन रहे  शायद मैं थक गया हूँ  अतीत बहुत याद आता है  वर्तमान मुझे सताता है  शायद मैं थक गया हूँ!

लेख कविताएँ और हास्य व्यंग्य

 

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