शुक्रवार, 31 मई 2024

अल्पना

आज भी तुम

जब मुस्कराती हो 

लजाती सकुचाती हो 

रक्ताभ अपना मुख

नीचे झुकाती हो

तुम्हारे कपोलो की लालिमा

मेरे हृदय मे अंकित कर देती है 

प्रेम की अल्पना। 

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...