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अगस्त 7, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संपर्क - सेतु

नदी पर बना पुल दोनों ओर बसी आबादी को जोड़ता लोग पुल  पार कर रोज ही मिलते हाल चाल जानते गीले शिक़वे करते और सुनते फिर गले मिल कर वापस लौट जाते हर दिन जमता मेला कभी इस ओर कभी उस ओर  खूब खुशियां मनतीं एक दिन पुल को बहा ले गया सैलाब टूट गया संपर्क सूत्र बढ़ने लगी दूरियां बढ़ने लगे मतभेद जुटने लगी उग्र भीड़ उछलने लगे कठोर जुमले अब तो पहुंचती है एक दूसरे की बात नुकीले पत्थरों से संपर्क सेतु टूटेगा तो, और क्या होगा !!!