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अक्टूबर 14, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रावण का पुतला

रावण ! तने क्यों खड़े हो घमंड भरी मुद्रा में जलने के लिए तैयार जल जाओगे क्या फायदा होगा धुंवा और कालिख बन कर घुल जाओगे हवा में मिल जाओगे धूल में इकठ्ठा लोग चले जायेंगे तुम्हारी राख रौंदते हुए क्या फायदा होगा ! आओ मुझ में समा जाओ मेरे ख़ून में घुल जाओ मैं पालूंगा तुम्हे अगले साल तक फिर से खड़ा कर दूंगा जलने के लिए पुतले के रूप में .

राजनीति

सत्ता शराब नहीं पीती घमंड नहीं करती क्योंकि, सत्ता खुद शराब है चढ़ कर बोलती है सर पर घमंड से . २- नेता बनाते हैं मोर्चा और देश को लगाते हैं मोरचा . ३- गांठों के समूह के मिलने को कहते हैं गठबंधन. ४- कई पतियों से तलाक ले चुकी वामा यानि वाम पंथी . ५. सेक्युलर बिना पैजामे का नाड़ा .

मेला- पांच भाव

मेले में भगदड़ मची मरने लगे लोग अधिकारी गिनने लगे मरे हुए लोग और लगाने लगे हिसाब मुआवज़े के लिए बनने वाली और फिर  मिलने वाली रकम का. २- मेले में माँ के हाथ से बेटे का हाथ छूट गया दोनों ढूढ़ रहे थे एक दूसरे को माँ सोच रही थी बेटा बिछड़ गया बेटा रो रहा था मैं खो गया . ३- मेले में आदमी अकेला उसे वापस जाना है अकेला ही. ४- जब जुट जाते हैं बहुत से अकेले तो बन जाता है मेला. ५- अपनों के परायों के मिलने और फिर बिछुड़ जाने को कहते हैं मेला .