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फ़रवरी 8, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

तस्वीर की मुस्कुराहट

ऐ तस्वीर वक़्त की मार सह कर धूल के प्रहार झेल कर थोड़ी धुंधली पड़ जाने के बावजूद तुम मुस्करा रही हो.   तुम्हे कई हाथों के स्पर्श ने थोडा खुरदुरा कर दिया है, इसके बावजूद तुम मुस्करा रही हो तुम्हारी ही तरह मेरी भी आँखों के आगे थोड़ा धुंधलापन छा गया है. इसके बावजूद मैं देख सकता हूँ तुम्हारे चेहरे पर चिर परिचित मुस्कराहट आज भी तुम वैसे ही मुस्करा रही हो जैसे सालों पहले दीवाल पर टाँके जाने के वक़्त मुस्करा रही थीं. तुम्हे मुस्कराती  देख कर ही मैं कह सकता हूँ कि मैं भी कभी मुस्कराता था.