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नवंबर 12, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बेटी जैसी खुशी

कभी खोई थी बेटी ढूंढता रहा था बेहाल इधर उधर जब मिली कैसा खिल गया था चेहरा आदमी का ऐसे ही खोजनी पड़ती हैं खुशियां !