सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अगस्त 27, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जन्म लो कृष्ण !!!

हे कृष्ण ! जब तुम जन्म लेना तब मथुरा वृन्दावन तक न रहना बाल रूप में गरीबों की झोपड़ी में जाना गंदी बस्ती में रहना और खाना जहाँ बच्चे माखन खाना तो दूर उसका नाम तक नहीं जानते रंग कैसा होता होगा नहीं पहचानते बड़े होकर कंस का वध करने केवल मथुरा न जाना महंगाई, भ्रष्टाचार अन्याय और अनाचार के कंस सड़क से संसद तक हैं नाश करने के लिए उनका धर्म की हानि की प्रतीक्षा मत करना धर्म शेष ही कहाँ है ! तुमने शिक्षा देने के लिए नग्न नहाती गोपिकाओं के वस्त्र हरे थे पर द्रौपदी की लाज भी बचाई थी आज नकली कृष्ण बने लोग वस्त्र हरण कर रहे हैं और शकुनि बने द्रौपदी का चीर हरण कर रहे हैं तुमने बजाई होगी सुख और शांति के लिए बांसुरी  मगर आज जनता परेशां, बदहाल और भूखी है राजा बजा रहे हैं चैन की बांसुरी क्या  इस बार तुम आओगे इस भारत को कुरुक्षेत्र बनाओगे ! आ जाओ कृष्ण जन्म लो कृष्ण जन्म लो गीता के कृष्ण !!!! रच दो एक और महाभारत बना दो देश को मेरा भारत महान !