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अक्टूबर 16, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आंसू

आज अभी निकाल दिया दिल से अपने मुझ को एक पल न सोचा कि अँधेरा हो जायेगा दिल में. २ शांत झील में कंकड़ फेंक कर खुश हो जाते तुम, भूल जाते कि कंकडों को डूबने का दुःख होता है. ३  जो हंसते नहीं उन्हें मुर्दा दिल न समझो, न जाने कितनी रुसवाइयां झेलीं हैं उन ने. ४ कुरेद कुरेद कर दिल के घाव तुम तो नेल पोलिश का बिज़नस कर रहे हो. ५ मेरी ईमानदारी को तराजू पर मत तौलो ज़मीर के बटखरे ही इसे तौल पाएंगे. ६ मेरे आंसुओं को इतना तवज्जो मत देना नज़र-ए-बीमारी का सबब है कि बहती हैं.

दीवाली

नहीं चांदनी घनी रात में दीपों का उजियारा. टिम टिम टिम दीपक चमके अन्धकार का सीना छल के भागा दूर घना अंधियारा .  दीप जलाएं खील उड़ायें धूम पटाखे की मच जाए फुलझड़ियों से  झरा उजियारा. आओ आओ रामू भैया ठेल गरीबी खील खिलैया खा कर हर्षो जग प्यारा.