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फ़रवरी 28, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सुख

जानते हो दुःख की लम्बाई कितनी होती? तुम्हारे जितनी तुम्हारे दिल दिमाग में सिमटी हुई लेकिन सुख उसे नापना मुश्किल है वह तुमसे तुम्हारे परिवार तक घर बाहर तक बहुत दूर दूर तक पहुँच जाता है तुम अपना सुख उछालो फिर देखो कितनी दूर दूर तक फ़ैल जाता है तुम्हारा सुख तुम नाप नहीं सकते.