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सितंबर 2, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नाक

कोई क्यों नहीं समझ पाता अपने सबसे नजदीक को ? क्या हम आँख से सबसे निकट नाक कभी ठीक से देख पाते हैं? जब तक कोई आईना पास न हो।  

गिरगिट

जिन लोगों के पास होती है लंबी जीभ उनके पास आँखें नहीं होती कान नहीं होते यहाँ तक कि नाक भी नहीं होती। ऐसे लोग कुछ सोचना समझना नहीं चाहते वह सोचते हैं कि उनकी लंबी जीभ पर्याप्त है पेट भरने के लिए। ऐसे लोग गिरगिट की तरह होते है मौका परस्त और रंग बदलने वाले लेकिन ऐसे लोग नहीं जानते कि गिरगिट पर कोई विश्वास नहीं करता उसे निकृष्ट दृष्टि से देखा जाता है। भई, गिरगिट धोखेबाज, भयभीत सीधी खड़ी नहीं हो सकती रेंगती रहती है आजीवन।