मंगलवार, 1 मई 2012

गरीब

अरे गरीब आदमी !
दूर ऊंचाई से आती संगीत की धुनों को सुनो
यह उन अमीर लोगों के घरों से आ रही हैं
जो तुम्हें
अपने नीचे देख कर भी शर्म खाते हैं
मजबूरन ही सही, फिर भी तुम्हें रहने देते हैं
तुम एक बदनुमा दाग हो
उनकी ऐश्वर्यशाली इमारत के लिए
तुम्हारे भूखे  बच्चों का रूदन
उन्हे ऊंची आवाज़ में
संगीत बजाने को विवश करता है ।
इसके बावजूद,
वह कुछ बासी टुकड़े नीचे फेंक देते हैं
ताकि
तुम और तुम्हारे बच्चे उठा कर खा लें
भूखे न रहे और बिलख कर उनका संगीत बेसुरा न करे।
तुम इस संगीत को सुनो
फेंके भोजन को चखो
यह कर्णप्रिय संगीत
महादेव की देन है
जिनकी तुम सपरिवार एक दिन व्रत रख कर पूजा करते हो
ताकि, इस एक दिन तुम्हारे बच्चे रोटी न मांगे।
तुम इसे सुनते भी हो
तुम इसे सुनते हुए
अपना दुख भी तब  भूल जाते हो
जब तुम्हारे बच्चे
तेज़ धुन पर, बेतरतीब नाचने लगते हैं
खुश हो कर शोर मचाने लगाते हैं
तभी यकायक
संगीत रुक जाता है
एक कर्कश आवाज़ गूँजती है-
साले नंगे-भूखे गाना भी नहीं सुनने देते
न खुद सुख से रहते हैं, न हमे रहने देते हैं।
ऐ गरीब !
यही तो कमी है तुम लोगों में
तुम किसी का भी
स्वादिष्ट भोजन बेस्वाद कर सकते हो
संगीत के राग बेसुरे कर सकते हो !!!

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...