गुरुवार, 12 जून 2014

अपनत्व

दुःख
ईर्षालु होता है
वह हमें सताता है
क्योंकि, हम
सुख को
प्यार करते हैं .
दुःख को अपना लो
सुख आपका होगा ही
दुःख भी आपको
सताएगा नहीं.   

तीन किन्तु

 गरमी में  चिलकती धूप में  छाँह बहुत सुखदायक लगती है  किन्तु, छाँह में  कपडे कहाँ सूखते हैं ! २-   गति से बहती वायु  बाल बिखेर देती है  कपडे...