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सितंबर 24, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

छह बीज

सुना है मेरे पड़ोस में आंधी बड़ी आई थी. धुल से अटे पड़े हैं, मेरे घर के कमरे भी.          -२- संध्या और श्याम का साथ दोनों अँधेरे में डूबते हैं साथ.         -३- अलसाई हसीना, सुबह की अंगडाई दोनों करेंगी तय गली और फूटपाथ में दिन भर का सफ़र .         -४- मैं तपते सूरज के नीचे कंक्रीट के जंगल में डामर की सड़क के साथ होता हूँ पसीना पसीना.          -५- जब पीछे चलती परछाई आगे  आकर चलने लगती है, मैं घबराकर मुड़ कर देखता हूँ शाम पीछे खडी है.          -६- रात की तरह काली रंगत वाली माँ पर दोनों ही थपक कर सुलाती हैं- ना!