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जुलाई 20, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चीखें

अंधे अंधकार में डूबे घोर वीराने में चीख रही है एक लड़की जज़्ब हो रहे हैं उसके बचाओ बचाओ के शब्द खामोश सीनों में। कल सुबह तक खामोश हो जाएंगी उसकी चीखें तब ढूंढें जायेंगे सबूत कि उसके साथ यह हुआ था वह नहीं हुआ ऐसे में कौन चाहेगा लड़की हो।