रविवार, 20 जुलाई 2014

चीखें

अंधे अंधकार में डूबे
घोर वीराने में
चीख रही है
एक लड़की
जज़्ब हो रहे हैं
उसके
बचाओ बचाओ के शब्द
खामोश सीनों में।
कल सुबह तक
खामोश हो जाएंगी उसकी चीखें
तब ढूंढें जायेंगे सबूत
कि उसके साथ
यह हुआ था
वह नहीं हुआ
ऐसे में
कौन चाहेगा
लड़की हो।  

तीन किन्तु

 गरमी में  चिलकती धूप में  छाँह बहुत सुखदायक लगती है  किन्तु, छाँह में  कपडे कहाँ सूखते हैं ! २-   गति से बहती वायु  बाल बिखेर देती है  कपडे...