गुरुवार, 24 अक्टूबर 2013

खंडहर

आओ दोस्तों !
सोते हैं
इस खंडहर में
देखते हैं
सपने
कि,
इमारत
कभी बुलंद थी.
२-
खंडहर
विरासत नहीं होते
यह प्रतीक होते है
कि, हमने
फिक्र नहीं की
कभी
विरासत की .
३-
खंडहर
कहर नहीं
किसी आक्रान्ता के
गवाह नहीं
किसी अत्याचार के
व्यतीत नहीं
किसी खुशहाली के
यह सन्देश हैं
कि,
आओ
फिर से करें
पुनर्निर्माण .
गवाह बना कर
इस खंडहर को.

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...