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दिसंबर 30, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

2011 को

मैंने 2011 को अपनी यादों के फ्रेम में सँजो कर रख लिया है। क्यूंकि इस पूरे साल हर दिन मुझे याद आता रहा कि, एक और एक मिलकर दो नहीं होते ग्यारह होते हैं। इसीलिए जब मैं एक प्रयास में असफल हुआ तो मैंने अगला प्रयास ग्यारह गुना जोश से किया और सफल हुआ। यही कारण है कि अगले साल में मेरा एक अंक बढ़ गया है।