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गुरुवार, 15 मई 2025

तीन हाइकू : भाव

 ग्रीष्म की धूप 

श्रमिक का पसीना

परास्त नहीं  !

२-

नभ में सूर्य 

यात्री संग श्रमिक

विश्राम नहीं। 


३- 

नभ में मेघ 

गली में खेलें बच्चे 

प्रसन्न मन । 


रविवार, 27 अप्रैल 2025

अंततः अश्व: तीन हाइकु

अश्व की शक्ति 

मनुष्य का मस्तिष्क 

घर मे बंधा। 

अश्व की गति 

मनुष्य से स्पर्द्धा मे 

 कोसों दूर है ।

अश्व की निष्ठा 

मानव का विश्वास 

अश्व विजयी। 

शनिवार, 1 मार्च 2025

प्रकृति के हाइकु

 प्रातः काल मे 

सुगंधित पवन 

सब जागते। 

पशु पक्षी मैं 

प्रकृति की छांव 

सब प्रसन्न ।

मार्ग मे ओस 

पथिक चल रहा 

थकान कहाँ। 

सूर्य उनींदे 

पक्षी जाग रहे है 

प्रातः हो रही ।

चंद्रमा अस्त 

सूर्योदय की बेला 

कुछ क्षण मे ।



शनिवार, 25 मई 2024

हाइकु चार

 साधु जा रहे

बह रही वायु भी

गति निर्बाध।

2
रोता बालक
बादल घिर आये
जल ही जल।

3
सब ने कहा
बेलगाम था घोड़ा
रुकता कैसे!

4
नंगा भिखारी
वृक्ष बिना पहाड़
कब ढकेंगे!

गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

माँ दुर्गा - तीन हाइकू

 शक्ति स्वरूपा

सिंह वाहिनी दुर्गा 

जय जय हो. 

२ - 

भक्त जागते
झिलमिल सितारे 
नव रात्रि मे.

३- 

नारी शक्ति है 
प्रकृति भी नारी 
सर्वत्र नारी.  

रविवार, 15 सितंबर 2019

पांच हाइकू

घने बादल

लो सूर्यदेव झांके

आशा किरण।



#####



आकाश पंछी

छूना चाहे क्षितिज

लौट आना है।



#####



बहती हवा

उड़ती घटाएं भी

मनुष्य जैसे।



#####



सड़क गीली

घर- बाहर तक

तन भी गीला । 



####



वृक्ष कहाँ हैं

चिड़िया बोले कैसे

हमारा घर।  

मंगलवार, 9 दिसंबर 2014

सर्दी पर ५ हाइकू

१- 
सर्दी लगती
मास्टर की बेंत सी
नन्हे के हाथ।
२-
हवा तेज़ है
ठिठुरता गरीब
छप्पर कहाँ।
३-
बर्फीली सर्दी
अलाव जल गया
सभी जमे हैं।
४-
सूरज कहाँ
फूटपाथ सूना है
दुबक गए।
५-
नख सी हवा
मुन्ने की नाक लाल
बह रही है।
#
राजेंद्र प्रसाद कांडपाल,
फ्लैट नंबर ४०२,
अशोक अपार्टमेंट्स,
५, वे लेन,
जॉपलिंग रोड,
हज़रतगंज,
लखनऊ- २२६००१
मोबाइल -

शनिवार, 15 नवंबर 2014

एब्सॉल्यूट इंडिया मुंबई में दिनांक १६ नवंबर २०१४ को प्रकाशित सर्दी पर १० हाइकू


शीत पर १० हाइकू

इस जाड़े में
आँखें कहाँ खुलती
भोर देर से।
२-
उषा किरण
नन्हे की नाक लाल
इतनी ठण्ड !
३-
हवा का झोंका
नाक बह रही है
प्रकृति क्रीड़ा।
४-
सूर्य उदय
श्रमिक जा रहे हैं
रुकता कौन !
५-
बर्फ गिरती
सब सोये हुए हैं
चादर तनी।
६-
शीत का सूर्य
बच्चा आँगन खेले
अच्छा लगता।
७-
सूर्य कहाँ है
घूमने कौन जाये
दुबके सब।
८-
पत्ते पीले हैं 
बाबा भी बीमार है
क्या बचेंगे ?
९-
हो गयी शाम
खिल गए चेहरे
निशा आ गयी।
१०-
चन्द्रमा खिला
संध्या थक गयी है
गुड नाईट ।             

शुक्रवार, 6 दिसंबर 2013

पांच हाइकू

ठंडी  हवाएं
उनकी आहट है
कानों को लगी.
२-
पीला सूरज
थके हुए चेहरे
शाम वापसी .
३-
पेट की भूख
सूखे पड़े हैं खेत
अनाज कहाँ .
४-
पिया न आये
मुंडेर पर कौव्वा
प्रतीक्षा ख़त्म .
५-
दरवाज़ा खुला
प्राण निकल गए
डॉक्टर आया.

शनिवार, 16 मार्च 2013

होली हाइकु

होली के रंग
साजन संग गोरी
लाल गुलाल।
2-
होरिया मन
कस्तुरी गंध फैली
होली आयी रे।
3-
पूर्ण चंद्रमा
होली जलाते लोग
कल होली है।
4-
उनींदा सूर्य
सिर चढ़ी भंग है
होली है भाई।
5-
रंगीन पानी
बूढ़ा भया जवान
होली मनाएँ।




शनिवार, 5 मई 2012

गंगा- हाइकु

सूखती गंगा 
पाप बढ़ रहे हैं 
धोता कौन है .

2-
गंगा निकली 
शिव की जटाओं से 
भटक गयी।

3-
गंगा नदी है 
माँ का नाम गंगा 
दोनों उपेक्षित .

4-
गंगा का पानी 
बिसलेरी बोतल 
बेचते हम .

5-
बहती गंगा 
कूदी गंगा  नदी में 
दोनों ही ख़त्म .

सोमवार, 5 दिसंबर 2011

मेरे पाँच हाइकु

   (१)
पपीहा बोला
विरह भरे नैन
पी कहाँ ...कहाँ.

  (२)
शंकित मन 
गरज़ता बादल
बिजली गिरी .

  (३)
घोर अँधेरा
निराश मन मांगे
आशा- किरण.

  (४)
पीड़ित मन
गरमी में बारिश
थोड़ी ठंडक.

  (५)
रंगीन फूल
हंसती युवतियां
भौरे यहाँ भी.

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...