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जुलाई 2, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नहा रहा बच्चा

नहलाने जा रही है बच्चे को माँ नन्हें बदन से नन्हें कपड़े बड़े दुलार से एक एक कर उतारती फिर थोड़ा तेल मल देती सिर पर और चुपड़ देती बदन पर बच्चा कौतुक से निहार रहा है माँ को क्या कर रही है माँ! फिर माँ बच्चे को पानी के टब में बैठा देती है बच्चा चीख उठता है हालांकि पानी गरम नहीं, गुनगुना है शरीर की थकान उतारने वाला फिर भी नन्हा ऐसे बिलखता है जैसे पानी बहुत गरम या ठंडा है पर माँ बाहर नहीं निकालती बच्चा बिलख बिलख कर रोने लगता है मानो ज़िद कर रहा हो कि मुझे बाहर निकालो लेकिन क्यूँ निकाले  माँ बच्चे के भले और स्वास्थ्य के लिए रोज़ नहाना ज़रूरी है, माँ जानती है बच्चा गला फाड़ कर रोना शुरू कर देता है माँ साबुन लगाती जाती  है हौले हौले शरीर मलती जाती है बच्चा छाती का पूरा ज़ोर लगा कर रोता है क्यूँ करती है माँ इतनी ज़िद ? माँ को इत्मीनान हो जाता है कि वह अब ठीक से नहा चुका है  उसे टब से बाहर निकाल लेती है मुलायम मोटे तौलिये पर लिटा देती है बच्चा थोड़ा संतुष्ट है कि अब पानी में नहीं पर रोना बंद नहीं करता कहीं माँ फिर से टब में न डाल दे। माँ...