शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2013

बाबाओं को सोना चाहिए

बाबाओं को सोना चाहिए
सोयेंगे तो दो बाते होयेंगी
बाबा अगर सोयेंगे
तो स्वप्न देखेंगे
स्वप्न में खजाना देखेंगे
खजाने से देश
मालामाल हो या न हो
सरकार मालामाल होगी
सरकार मालामाल होगी
तो नेता और ऑफिसर
घूस बटोरने के विकास कार्यक्रम चला पायेंगे
इस प्रकार वह मालामाल होंगे.
लेकिन दोस्तों
मुझे नेताओं-अफसरों का खैरख्वाह न समझो
मैं खैरख्वाह हूँ
इस देश की जनता का
जनता की माँ बहनों का
बाबा सोयेंगे
तो न प्रवचन करेंगे
न मौका लगते ही आसाराम बनेंगे.

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 गरमी में  चिलकती धूप में  छाँह बहुत सुखदायक लगती है  किन्तु, छाँह में  कपडे कहाँ सूखते हैं ! २-   गति से बहती वायु  बाल बिखेर देती है  कपडे...