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जुलाई 21, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

तस्वीर

चित्रकार ने बनायी थी एक सुन्दर तस्वीर लम्बी उँगलियों से खींची थी रेखाएं भावनाओं, उमंगों और उम्मीदों के भरे थे रंग  बड़ी खिलखिलाती भविष्य में झांकती आँखों वाली तस्वीर कई आँखों ने देखा चित्रकार की कला को सराहा कुछ गंदी आँखों ने देखा भद्दी मुस्कराहट फेंकी कामुक हांथों से छुआ पहले धब्बे पड़े फिर दागदार हुई अंत में गंदी हो गयी गैलरी के कोने में खडी कर दी गयी सुन्दर तस्वीर।  

बारिश १, २,३, ४, ५

बरसात में हम तुम मिले क्या ही अच्छा हो रोटी मिले. २- गरीब को बारिश से डर नहीं लगता उसे डर लगता है टपके से . ३- बारिश में गरीब भीगता ज़रूर है पर भीगता नहीं क्योंकि, बरस जाती है झोपड़ी गीला हो जाता है आटा. ४- बाढ़ से डरा हुआ आदमी और सांप एक साथ सांप ने कहा- डरो नहीं काटूँगा नहीं इस मुसीबत में . आदमी ने मार दिया सांप को कम हो गयी एक मुसीबत . ५- बारिश में मुन्ना भीगता नहीं कहीं कोई नंगा भीगता है!