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सोमवार, 1 जुलाई 2024

ममता बनर्जी के बंगाल में मुस्लिम राष्ट्र

बंगाल में एक महिला को १५ दिन पहले कोड़ों से पीटा गया. इस पिटाई का सरगना ममता बनर्जी के दल तृण मूल कांग्रेस का विधायक तजमुल हक़ था.




जब यह बात सामने आई और उससे इस विषय में पूछा गया तो विधायक ने कहा कि वह महिला चरित्रहीन दुष्ट जानवर थी. इसलिए उसकी पिटाई की गई. क्योंकि, मुस्लिम राष्ट में यह संभव नहीं.





ध्यान रहे कि पाकिस्तान बनाने के लिए पहली बड़ी आहट अविभाजित बंगाल के नोआखाली से १९४६ में आई थी. उस समय ५००० हिन्दुओं को मार डाला गया था. महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ था. हजारों हिन्दुओं को जबरन मुस्लमान बनाया गया था.




नोट - देख लेना कि बीजेपी इस मामले को लोकसभा या राज्यसभा में बिलकुल नहीं उठायेगी.

गुरुवार, 4 नवंबर 2021

क्योँ गाली खाया विराट कोहली?

कुछ लोग बीसीसीआई की टीम के कप्तान विराट कोहली को जूते पड़ने को लेकर दुखी नजर आ रहे हैं. उनके दुख पर कोई टिप्पणी न करते हुए बीसीसीआई के कप्तान पर मेरे विचार- 

कोहली के साथ गड़बड़ यह हुई कि इसने एक साथ कई मोर्चे खोल लिए. पहले 'दिवाली कैसे मनाए के टिप्स दूँगा' की दर्प भरी घोषणा की. फिर अगली ही बार पाकिस्तान के सामने 10 विकेट से समर्पण कर दिया. मैच हारते ही फील्ड पर पाकिस्तानी खिलाडियों को गले लगा लिया, एक खिलाड़ी के फील्ड पर नमाज पढ़ने को इग्नोर करते हुए. फिर यह जानते हुए भी कि शमी के विरुद्ध ट्वीट पाकिस्तान प्रायोजित हैं  सभी हिन्दुओं को साम्प्रदायिक बताते हुए  secularism का झंडा फहरा दिया.

भाई तू भारत का खिलाड़ी है या missionary मुल्ला! नहीं जानता कि सामान्य भारतीय क्रिकेट और हॉकी में खेलते हुए भी पाकिस्तान को दुश्मन देश ही समझते हैं. तूने उन सबके दिलों को रौंदते हुए बुरी तरह से मैच हारा, फिर मुस्कुराते हुए दुश्मन देश के खिलाड़ियों को गले लगाया. करेले पर नीम चढ़ा कि नमाज की साम्प्रदायिकता को दरकिनार कर अपने देश के लोगों को ही सांप्रदायिक बता दिया. तुम अगर खेल में साम्प्रदायिकता पसंद नहीं करते तो नमाज कैसे पसंद कर सकते हो! तुम्हें वहीँ उसकी आलोचना करनी चाहिए थी.

विराट कोहली को यह समझना होगा कि बेशक उसकी बीवी अनुष्का शर्मा एक मुस्लिम सुपर स्टार के साथ काम कर बड़ी अभिनेत्री बनी, पर यह उसका धन्धा था.  आम आदमी को इससे क्या सरोकार!

ऐसे में यह निस्तेज कप्तान गालियां खाएगा ही.

सोमवार, 13 अप्रैल 2020

क्यों नहीं प्रभावित कर सकी ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान?


ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान के निर्देशक विजय कृष्ण आचार्य लेखकनिर्देशकसंवाद लेखक और गीतकार हैं. उन्होंने धूम और धूम २ को लिखा था. गुरु में उनके लिखे संवाद थे. अक्षय कुमारकरीना कपूर और सैफ अली खान की फिल्म टशन से उनका बॉलीवुड फिल्म डेब्यू हुआ. यह फिल्म वितरकों और प्रदर्शकों के साथ विवाद में फंस कर काफी सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं हो सकी. विजय कृष्ण आचार्य की निर्देशक के रूप में दूसरी फिल्म धूम सीरीज की तीसरी फिल्म धूम ३ थी. इस फिल्म के नकारात्मक नायक आमिर खान थे. उनकी नायिका कैटरीना कैफ थी. जैकी श्रॉफ ने पिता की भूमिका की थी. इस फिल्म को जिन लोगों ने देखा हैवह समर्थन करेंगे कि यह फिल्म बेहद बेसिरपैर की बेवकूफियों से भरी फिल्म थी. पटकथा में ऐसा कोई लॉजिक नहीं दीया गया था कि आमिर खान के चरित्र ने डकैतियाँ डाली तो कैसे. बस पड़ गई डकैती. फिर भी आमिर खान और हिट गीतों के कारण क्रिसमस वीकेंड २०१३ पर रिलीज़ यह फिल्म सुपरहिट हो गई.

इस फिल्म के ५ साल बादविक्टर आचार्य की तीसरी निर्देशित फिल्म ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान दीवाली वीकेंड पर रिलीज़ हुई थी. विक्टर को इस फिल्म को लिखने में पांच साल लगे. लेकिनवह इन सालों में यह भ्रम पाले रहे कि सितारों की भरमार करकेभारी सेट्स के साथ वह फिल्म हिट करा ले जायेंगे. ऐसा सोचा जाना स्वाभाविक भी था. उन्होंने जिस आमिर खान के साथ सुपरडुपर हिट फिल्म धूम ३ बनाई थीवह ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान के एक ठग थे. अमिताभ बच्चन और कैटरीना कैफ भी थे. आमिर खान ने अपनी ख़ास फातिमा सना शैख़ को भी रखवा लिया था.

इतना सब तो ठीक था. विक्टर आचार्य और फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा ने फिल्म का फॉर्मेट अंग्रेजों के जमाने के डाकुओं वाला लिया. जोहनी डेप की फिल्म पाइरेट्स ऑफ़ द कॅरीबीयन का खाका दिमाग में रख कर सेट्स बनाए गए थे. आमिर खान ने जोहनी डेप की भद्दी नक़ल करके अभिनय किया था. अमिताभ बच्चन बूढ़े गोरिल्ला के तरह झूम रहे थे. यह दोनों अभिनेता ओवर एक्टिंग करने की होड़ में थे. कैटरीना कैफ की छोटी भूमिका रोबोट जैसी थी. फातिमा सना शैख़ का एक्टिंग से कभी रिश्ता ही नहीं था. कहने का मतलब यह कि पूरी फिल्म का फिल्म क्राफ्ट से कोई रिश्ता नहीं था. पाइरेट्स ऑफ़ द कॅरीबीयन की इस भद्दी नक़ल को हालाँकि५२ करोड़ की ओपनिंग मिली. लेकिनइस ओपनिंग का खामियाजा भी फिल्म को भोगना पडा. बड़ी आशा और अपेक्षा से फिल्म देखने आये दर्शकों की एक स्वर से नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली. फिल्म दूसरे दिन ही औंधे मुंह आ गिरी. ट्रेड से सभी लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ा.

बुधवार, 4 मार्च 2020

मुसलमानों को सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ भड़काने में बुरे फंसे हर्ष मंधेर

एक हैं हर्ष मंधेर ! उन्हें जानने के लिए इतना बताना काफी होगा कि फेसबुक/ट्विटर पर आपको कुछ साम्यवादी सोच वाले, पेंट के अन्दर लंगोट पहनने के बावजूद खुद को नंगा दिखाने वाले, पढ़े लिखे आग उगलने वाले ड्रैगन जैसे ढेरों फेसबूकियों/ट्विटरातियो की तरह ही है हर्ष मंदर. विदेशी NGO से इन लोगों को भारी-भरकम मदद मिलती रहती है. कांग्रेस मुख्यालय पर तो इनके लिए खजाना खुला रहता है. उन्होंने एक एंटी CAA रैली में मुसलमानों को भड़काने के लिये धुंआधार भाषण करते हुए ऐलान कर दिया कि हमें सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास नहीं है. लेकिन हमें जाना इनके पास ही होगा. ऐसे न जाने कितनी तकरीरे की हैं इन महाशय ने.

यह महाशय अभी एक अपील लेकर सुको पहुँच गए कि बीजेपी वाले दिल्ली में दंगा करवा रहे हैं. इसके नेताओं के खिलाफ कार्यावाही के लिए पुलिस पुलिस को निर्देशित करें. इसे देखते हुए कुछ लोगों ने हर्ष मंधेर की इसी स्पीच का टेप लगाते हुए, उनके खिलाफ सुको की अवमानना की कार्यवाही के लिए रिट दाखिल कर दी. यह सुन कर सुको के तेवर चढ़ गए. CJI ने कहा कि पहले यह तय हो जाए कि आपको सुको पर विश्वास क्यों नहीं है. इस पर मंधेर के वकील ने कहा कि मंधेर के खिलाफ सुनवाई टाल दी जाए. क्योंकि वह इस समय अमेरिका जाने के लिए प्लेन पर सवार है. इस पर कोर्ट ने व्यंग्यात्मक टिपण्णी की- ओह तो वह इस समय छुट्टियों का मजा लेना चाहते हैं.

इतना कह कर कोर्ट ने हर्ष मंधेर के खिलाफ सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन तय कर दिया.

रविवार, 1 मार्च 2020

पश्चिम बंगाल में ममतादी का सॉफ्ट हिंदुत्व वाया फरहद हाकिम



पश्चिम बंगाल में एक फरहाद हाकिम नाम का एक शख्स है. वह तृणमूल कांग्रेस का सब कुछ है. वह वर्तमान में कलकत्ता का मेयर है. इस पार्टी में उसकी स्थिति ममता बनर्जी और उनके भतीजे के बाद तीसरे नंबर की है.वह कभी, बांग्लादेश की सीमा से सटी मुस्लिम बस्तियों को घमंड से दिखाते हुए कहता था- यह है मिनी पाकिस्तान. मैंने ऐसे बहुत से पाकिस्तान बना दिए हैं.

ममता बनर्जी की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति ने बंगाल को आंदोलित करना शुरू कर दिया. ममता बनर्जी की हिन्दू विरोधी और मुस्लिम समर्थक नीति ने हिन्दुओं को तृणमूल कांग्रेस से दूर करना शुरू कर दिया. इसके नतीजे में बंगालमें भाजपा मज़बूत हुई. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस से १८ सीटें झटक ली. इस घटना ने लोमड़ी ममता बनर्जी के कान खड़े कर दिए. उन्होंने अपने दाहिने हाथ फरहाद हाकिम को सक्रिय किया. फरहाद हाकिम ने राम- नामी ओढ़ ली. इस शिवरात्रि हाकिम शिव मंदिर में पूजा करता दिखाई दिया. इससे पहले, ममता बनर्जी की पार्टी की अभिनेत्री से एमपी बनी नुसरत जहाँ ने लोकसभा में हिन्दू सिंगार कर शपथ ली और दुर्गा पूजा मे जम कर हिस्सा लिया.

लेकिन, फरहाद हाकिम का हिन्दू संस्करण फायदा देता नज़र नहीं आ रहा है. फिलहाल तो हुआ यह है कि फरहाद को ताकतवर मुस्लिम मौलानाओं ने तनखैया यानि मुसलमान नहीं घोषित कर दिया है. अब देखने के बात होगी कि २०२१ के बंगाल विधान सभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी को कितना फायदा होता है. फिलहाल तो ऐसा लग रहा है कि ममता बनर्जी को पढ़ने गए थे नमाज़, रोजे गले पड़े वाली स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.

भारत में भी सेफ नहीं हिन्दू !


अभी फेसबुक पर ही एक पोस्ट सुन रहा था। एक हिन्दू महिला, जिसका घर मुस्लिम दंगाइयों ने जला दिया था, वह बिलखते हुए पूछ रही थी, 'जब हिन्दुस्तान में हिन्दू सेफ़ नहीं तो और कहॉं होगा ?' यह सवाल न मुसलमानों से है, न सेक्यूलर हिन्दुओ से है। यह सवाल देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी से है कि जवाब दीजिये, 'हिन्दू आपके रहते भारत में सेफ़ नहीं है तो और कहॉं होगा? आप पर आज भी मुसलमान २००२ के दंगों का कलंक लगाते फिरते हैं। तब इन्हे आपके राज में इतनी हिम्मत कैसे मिल गयी कि मिनटों में दिल्ली आग के हवाले कर दी। हिन्दुओं को भारत में ही शरणार्थी बना दिया। इन लोगों के लिए कौन सा सीएए लायेंगे मोदी जी! जवाब तो देना होगा कि मुसलमानों में २००२ से पैदा हुआ आपका भय यकायक हवा कैसे हो गया कि यह लोग १५ दिसम्बर से दिल्ली में अब्दाली वाला तांडव कर रहे थे?'

शनिवार, 23 मार्च 2019

कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी दिमाग से पैदल सूंदर महिला हैं ?


एक बार विद्वान के पास एक खूबसूरत महिला पहुंची और उसने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखते हुए कहा, "आप मुझसे शादी कर लीजिये. इस प्रकार से जो बच्चे पैदा होंगे वह आपकी तरह जीनियस और मेरी तरह खूबसूरत होंगे.
विद्वान ने तपाक से जवाब दिया, "मोहतरमा, अगर इसका उलटा हुआ तब !"
शायद, उस समय तक दुनिया में भारत देश की कांग्रेस पार्टी की शोहरत नहीं पहुंची थी. अन्यथा, वह महिला कहती, "मैं कांग्रेस की प्रवक्ता बन जाऊंगी"
मेरी इस बात का ज्वलंत उदाहरण कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी हैं. यकीन कीजिए, जब वह टीवी पर बोलती होती है, तब मैं टीवी का वॉल्यूम बिलकुल धीमा कर देता हूँ. सुनने से क्या फायदा ! ऐसा ही तो बोलती हैं, जैसा कल बोल रही थी. मुलाहिजा फरमाइए-
"प्रधान मंत्री मोदी जी ने पाकिस्तान के स्थापना दिवस पर पाकिस्तान को बधाई दी है. जबकि, दिल्ली में पाकिस्तान दिवस पर मनाये जाने वाले जश्न का वहिष्कार किया है. मोदी जी बताएं, "क्या उन्होंने पाकिस्तान को बधाई दी? अगर दी तो पाकिस्तान दिवस का बहिष्कार क्यों किया ?"
पता नहीं कैसी नेताइन हैं प्रियंका. वह इतना भी नहीं जानती पाकिस्तान का मतलब आतंकवादियों और भारत के दुश्मनों का देश नहीं होता. वह भारत से टूट कर निकली आबादी का देश हैं. पाकिस्तान को बधाई देना, उसकी जनता को बधाई देना है. खुद आपके सैम पित्रोदा ने ही कहा है कि आठ आतंकी खून खराबा करते हैं तो उसके लिए पाकिस्तान कैसे जिम्मेदार (हालाँकि, मैं उनकी इस बात से सहमत नहीं हूँ) !
अब रही बात पाकिस्तानी दूतावास के समारोह के बहिष्कार की बात तो शायद प्रियंका ने दिमाग नहीं लगाया कि इस समारोह का बहिष्कार इस लिए किया गया कि पाकिस्तानी राजदूत ने कश्मीर के अलगावादियों और देश के गद्दारो को भी आमंत्रित किया था. उनके साथ चाय पानी पीना पाकिस्तान की जनता से मिलना नहीं, बल्कि देश द्रोहियों से मिलना होता.
वैसे जाने दीजिये प्रियंका चतुर्वेदी, आप इसे समझना भी नहीं चाहेंगी. आपके दल में तो हफीज सईद को सम्मान देने वाले नेता हैं.

शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

मैं क्यों लिखता हूँ

मैं अपने इस ब्लॉग में कुछ भी लिखूंगा। यह कविता भी हो सकती है, कोई गद्य भी या कुछ भी। जो दिमाग को मथे। कुछ समझ में ना आये और जब दिमाग थक जाये तो अक्षरों में बदल दो। दूसरे गुनें और समझे। यदि समझ सकें तो अपनी प्रतिक्रिया दें। इसी लिए यह ब्लॉग।

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...