शनिवार, 12 जनवरी 2013

हवा

तुम यदि
हवा हो तो
मुझे अनुभव करो
मुझे अपना अनुभव कराओ
किन्तु तुम तो
हवा की तरह
गुज़र जाती हो
तुम्हारा एहसास तक
शेष नहीं रहता।

तीन किन्तु

 गरमी में  चिलकती धूप में  छाँह बहुत सुखदायक लगती है  किन्तु, छाँह में  कपडे कहाँ सूखते हैं ! २-   गति से बहती वायु  बाल बिखेर देती है  कपडे...