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सितंबर 10, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मैंने भी चाहा था आत्महत्या करना! #WorldSuicideDay

आज , १० सितम्बर को , पूरा विश्व वर्ल्ड सुसाइड डे मना रहा है. इस अवसर पर अपना एक   अनुभव.   यह बात , उस समय की है , जब मेरी तैनाती पेंशन निदेशालय में संयुक्त निर्देशक के पद पर हुई थी. ट्रान्सफर का मारा , जिसे प्रमोशन के लिए उत्कृष्ट यानि आउटस्टैंडिंग पृविष्टि की जरूरत रहा करती थी. कितना परेशान हैरान विभागाध्यक्ष चाह कर भी बैड नहीं लिख पाता था. इसलिए अधिकतर ने प्रविष्टि लिखी ही नहीं. एक आध ने लिखी तो श्रेणी दी अच्छा. यह अच्छा क्या होता है. उस समय के लिहाज से मेरे प्रमोशन के लिए बैड से भी खराब.   हमारे एक अधिकारी का कहना था कि कांडपाल जी , आप लोगों को बैड लिखो ही नहीं. सामान्य लिख दो. प्रमोशन होगा नहीं. बैड लिखो तो जवाब देना पड़ेगा. विभागाध्यक्षों की इस नीचता के कारण मेरा प्रमोशन लगातार रुक रहा था. डीपीसी होती. पता चलता कि प्रमोशन नहीं हुआ है. दिल धक् से कर जाता. निराशा का गहरा कुहासा छा जाता. उस पर ट्रान्सफर पर ट्रान्सफर.   हाँ. तो बात कर रहा था संयुक्त निर्देशक पेंशन निदेशालय में तैनाती की. उस समय के निर्देशक बड़े सुलझे हुए व्यक्ति थे. मैं सोचता था कि कुछ दि...