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अगस्त 10, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जीवन !

कभी लगता है डोर छूट रही है हाथों से साँसों की अगले ही पल लपक लेता हूँ क्षण बाँध लेता हूँ श्वांस छोड़ता नहीं आस यह क्या है ? इच्छा अगली श्वांस की लालच जीने का यहीं तो जीवन है कदाचित !