सोमवार, 15 अक्टूबर 2012

ममता

देख रहा दुःस्वप्न
छीने ले जा रहा कोई
माँ की गोद से ।
व्याकुल बच्चा
छटपटा रहा
चीखना चाह रहा
रोना चाह रहा
किन्तु अंजाना सा भय
आवाज़ नहीं निकलने दे रहा
मुंह से
बड़ी कठिनाई से
बच्चा चीखता है-
माँ !
तभी सर पर
फिरने लगती हैं
कोमल और ममता भरी हथेली
सो जा बेटा
मैं हूँ तेरे पास
हल्की मुस्कुराहट बिखेर कर
आश्वस्त हो सो जाता है बच्चा
पास ही तो है
माँ !
 

दिवाली

छूटते पटाखे
जलती फुलझड़ियाँ और अनार
आसमान पर थिरकती हवाई
ज़मीन पर नाचती चक्री
देख रहा है मुन्ना
जलते दीपकों के बीच
झिलमिला रही हैं आंखे।
(2)
बड़ी दियाली
छोटी दियाली
अगल बगल
दोनों में जलती बाती
आनंद ले रहीं
अंधेरे के बिखरने का
तभी
बड़ा दीपक इतराया
ज़ोर से लहराया/और बोला-
ऐ छोटी डर नहीं
मेरे नीचे छिप जा
मैं बचा लूँगा तुझे
हवा नहीं बुझा पाएगी तुझे 
कि तभी,
हवा का तेज़ झोंका आया
सम्हलते सम्हलते भी
बड़े दीपक की बाती बुझ गयी
लेकिन,
छोटी दियाली
अंधेरा भगा रही थी
उस समय भी।

(3)
दीवाल पर
मुन्ना के नयनों में
दीपक जले।

(4)
 

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...