सोमवार, 3 अक्टूबर 2011

डरपोक बिल्ली


मुझे छेड़ो नहीं,
मुझे घेरो नहीं,
मैं डरपोक बिल्ली सा हूँ।
तुम्हारी छेड़ छाड़ और घेर घार से भागता हुआ।
मेरे पास लंबे नुकीले, मजबूत नाखून हैं
इसके बावजूद मैं पलटवार नहीं करता
तुम पर प्रहार नहीं करता
क्यूंकि मैं खुद भी जीना चाहता हूँ
और तुम्हें भी जीने देना चाहता हूँ
लेकिन ख्याल रहे
अगर तुमने मेरा पीछा न छोड़ा
मुझे घेरना ना छोड़ा
तो मैं डर जाऊंगा
इतना डर जाऊंगा कि मर जाऊंगा
ऐसे में जबकि मुझे जीना है
तो मुझे तुम्हें मारना होगा
अपने तीखे नाखूनों से फाड़ना होगा
क्यूंकि
मैं एक डरपोक बिल्ली हूँ।

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...