सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जून 19, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मैं कौन हूँ ?

तुम मुझे जानते नहीं कि मैं कौन हूँ- मैं वह तिनका हूँ, जो आँखों को रुला सकता है। मैं वह आंसू हूँ, जो दिल को हिला सकता है। मैं वह दिल हूँ, जो धड़कता है दूसरों के लिए, जब नहीं धड़कता तो मौत को रुला सकता है। मुझे जानने की ज़रुरत नहीं है तुमको, मैं वह हूँ, जो तुमको तो सता सकता है। आस्तीन के साँपों को पहचानते नहीं तुम, मैं वह हूँ जो तुमको बता सकता है।

उन बच्चों के लिए जिनके पिता हैं

मैं लड़खड़ा कर गिर रहा था कि एक उंगली ने मुझे सहारा दिया, गिर कर सम्हलना सिखाया, सीधा खड़ा होना और चलना सिखाया । फिर मैं दौड़ने लगा, इतना तेज़ दौड़ा कि वह उंगलियाँ, वह हाथ, कहीं बहुत पीछे छूट गए मैं इस दौड़ में इतना भागा इतना भागा कि जब पलट कर देखा तो कहीं नज़र नहीं आये पिता ।