शनिवार, 30 अप्रैल 2011

मैं मैंने

गालियों की शराब और मत फेकिये मुझ पर,
सब्र का पैमाना मेरा भर गया है।
ठहरिये आप क्या देखेंगे मुझे,
आपकी ओर पीठ कर ली है मैंने।
कहते कहते थक गया, आपने सुना नहीं,
अब मैं सो रहा हूँ, मुझसे पूछो न कुछ।
कल तुमने मुझे तमाशा बना दिया,
आज लोग तुम्हे देख रहे हैं।

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...