सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

दिसंबर 3, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बंदी

क्या आप जानते हो कि क़ैद क्या होती है? यही न कि ऊंची ऊंची दीवारें मोटी सलाखों के पीछे बना ठंडी सीमेंट का बिस्तर और ओढ़ने को फटे पुराने कंबल या चादर? पूरी तरह से ड्यूटी पर मुस्तैद मोटे तगड़े बंदी रक्षक बात बेबात उनकी गलियाँ और बेंतों की मार? ठंडा उबकाई पैदा करने वाला भोजन और जली रोटियाँ? मेरी क़ैद इससे अलग भावनाओं की क़ैद है जहां शरीर की कोमल दीवारें हैं, साँसों के बंदी रक्षक है रिश्ते हैं नाते हैं, अपने हैं पराए हैं उनके स्वार्थ हैं और निःस्वार्थ भी। वह मुझे चाहते हैं और नहीं भी वह मेरा जो कुछ भी है पाना चाहते हैं वह मुझसे लड़ते झगड़ते और कोसते भी हैं। इसके बावजूद मैं एक कैदी होते हुए भी खुश हूँ। मोह के बंदी गृह का बंदी हूँ मैं।