रविवार, 4 मई 2025

प्रकृति और जीवन : पाँच हाइकु

कक्ष में पक्षी 
अतिथि आये है 
अद्भुत स्वर ।

२ 
मेघ गर्जना 
मुन्ना रो पड़ता है 
जल वृष्टि ही ।

३ 
सूर्य ऊर्जा से 
विचलित पथिक 
छाँह कहाँ है !

४ 
प्रातः से साँय
घर लौटते लोग 
यही जीवन ।

प्राण निकले 
रो रहे परिजन
अब प्रारंभ ।

तीन किन्तु

 गरमी में  चिलकती धूप में  छाँह बहुत सुखदायक लगती है  किन्तु, छाँह में  कपडे कहाँ सूखते हैं ! २-   गति से बहती वायु  बाल बिखेर देती है  कपडे...