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दिसंबर 10, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नया साल पुराना साल

              नया साल मैंने साल के हर दिन को गिना है उन्हें हफ़्तों और महीनों में पिरोया है. फिर अनुभवों की तिजोरी में बंद कर बही खाता बनाया है. इस बही खाते में दर्ज है हर सेकंड हर मिनट का हिसाब कि पिछले साल मैंने क्या खोया और क्या पाया. खोने ने मायूसी दी और पाने ने ख़ुशी . आज जब बही खाता पलट रहा हूँ, मायूसी से खुशी को घटा रहा हूँ तो पाता हूँ कि मुझे मायूसी का लाभ हुआ है और खुशियों का घाटा इसीलिए गए साल की ओर पीठ पलटा कर मैं नए साल को हैप्पी न्यू इयर कर रहा हूँ.             पुराना साल मैं व्यस्त था नए साल का स्वागत करने दोस्तों के साथ खुशियाँ मनाने की तैयारी में . कुछ ही मिनट शेष थे नए साल के आने में कि पीछे से कोई फुसफुसाया- सुनो . मैंने पलट कर देखा होंठों पर फीकी मुस्कान लिए उपेक्षित सा खड़ा था पुराना साल. बोला- याद है तीन सौ पैंसठ दिन पहले तुमने इसी तरह मेरा स्वागत किया था अपने दोस्तों के साथ. पर आज मेरी ...