सोमवार, 22 अक्टूबर 2012

दिवाली

घोर अंधेरी रात में
जगमग की बरसात ले
दीवाली आयी है ।।
बिखरी हैं
जगमग रोशनियाँ ।
सजी हुई
खुशियों की लड़ियाँ ।
अमावस को दूर भगा
दीप बत्तियाँ जला जला
धरती माँ जगमगाई है।
दीवाली आयी है।
झिलमिल झिलमिल
दीप जले ।
खिल खिल खिल खिल
खील खिले।
लक्ष्मी माँ अब आ जाओ
पूजा की बेदी सजाई है।
दीवाली आयी है।
 

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...