शुक्रवार, 27 जनवरी 2012

पलायन

अकेलेपन की चाह में
मैं अपनों से भागता रहा।
पर बावजूद इसके
मेरे साया मेरे साथ था।
मैं जितना भागता
वह उतना तेज़
मेरे पीछे होता।
इस से घबराकर में
अंधेरे में घुस गया।
कुछ देर बाद जब निकला
तो न साथ अपने थे,
न साया साथ था
न उजाला ही रहा।

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...