सोमवार, 24 सितंबर 2012

कौव्वा

कभी
हमारे घर की मुंडेर पर
कौव्वा आ बैठता था।
जब वह कांव कांव करता
तो आ आ का आभास होता 
हम बच्चे
उसे उड़ाने लगते
पत्थर फेंक कर/तब
माँ कहती-
बेटा, ऐसा न कर
मेहमान घर आने वाला है
कौव्वा उनके आने का संदेश दे रहा है
आज
घर है
मुंडेर नहीं
कौव्वा बैठे भी तो कहाँ
क्या/शायद इसीलिए
हमारे घर
कोई मेहमान नहीं आता?

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...