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मई 18, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हवा

हवा बहती है हवा कुछ कहती है हवा, किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती तब भी नहीं, जब वह/बहुत तेज़ बहती है केवल बालों से खेलती है कपड़ों को अस्त व्यस्त कर देती है फिर भी, नुकसान नहीं पहुंचाती उस समय  भी नहीं जब वह आँधी होती है तब वह उखाड़ फेंकती है उन कमजोर पेड़ों और वस्तुओं को जो/नाहक अपने अहंकार में उसका रास्ता रोकने की कोशिश करते हैं ऐसे ही कमजोर और अपनी जड़ से उखड़े हुए दूसरे कमज़ोरों को नुकसान पहुंचाते हैं हवा मंद मंद हो या तीव्र एक ही संदेश देती है फुसफुसाते हुए या गरजते हुए- रास्ता मत रोको खुद भी आगे बढ़ो दूसरों को भी बढ़ने दो बाधाओं को जड़ से उखड़ना ही है।