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नवंबर 25, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पाँच बचपन

जानते हो बच्चा इस बेफिक्री से हंस कैसे लेता है? क्यूंकि, वह जानता नहीं कि रोना क्या होता है. क्यूंकि रोना तो उसके लिए माँ को पास बुलाने का उसका वात्सल्य पाने का एक मासूम बहाना है. जबकि हम रोने को रोते हैं रोने की तरह कुछ न पाने और कुछ खो देने के कारण . यही तो फर्क है माँ और मान पाने के लिए रोने का !      (२) एक दिन मैंने ज़िंदगी से मनो-विनोद किया  उस दिन मैं  ऑफिस से जल्दी आ गया था।  मेरा नन्हा  सोया न था।        (३) नन्हें से मैंने पूछा- तुम मुझे कितना प्यार करते हो? उसने अपने दोनों हाथ फैला दिये दूसरे पल सारी दुनिया का प्यार मेरी सीने से चिपका था। (४) मैंने  सिसकते बेटे से पूछा- रो क्यूँ रहे हो? बोला- माँ ने मारा। मैंने कृत्रिम क्रोध दिखाया-   अभी मैं उसे मारता हूँ। बेटे ने तुरंत आँसू पोछ लिए बोला- नहीं तुम नहीं मारो। मैंने पूछा- क्यूँ? तो बोला- नहीं, तुम माँ नहीं हो।   (५) बच्चा घुटनों...