रविवार, 10 फ़रवरी 2013

करोड़पति मुर्दा

यकायक
वह शांत हो गया
सांस रुक गयी
शायद मर गया था
आसपास इकट्ठा लोग रोने लगे
बेटा, बेटी और पत्नी
क्रमानुसार अपेक्षाकृत ज़्यादा ज़ोर से रो रहे थे।
यकायक
उसने आँख खोई
रोते हुए लोगों को देख कर घबरा गया
बोला- क्या हुआ?
क्यों रो रहे हो तुम सब।
यह देख कर
रोने के स्वर ज़्यादा तेज़ हो गए
करोड़पति मुर्दा ज़िंदा जो हो गया था।

तीन किन्तु

 गरमी में  चिलकती धूप में  छाँह बहुत सुखदायक लगती है  किन्तु, छाँह में  कपडे कहाँ सूखते हैं ! २-   गति से बहती वायु  बाल बिखेर देती है  कपडे...