शनिवार, 28 सितंबर 2024

मैं, तुम हूँ!

 


तुम मुझे भूल गए क्या?

मैं सदैव तुम्हारा साथ देता था 

तुम्हारा सहारा था 

सुख में 

दुख मे 

संघर्ष काल में 

उबरने की  छटपटाहट मे 

हाथ थाम लेता था 

तुम सदैव विजित रहे 

मेरे कारण 

तुम मुझे भूल गए! 

मैं 

तुम हूँ 

तुम्हारा अतीत 

तुम भूल गया क्या?

उठो, चल पड़ो!

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