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फ़रवरी 20, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आशीर्वाद

मुनिया की शादी हो गयी विदाई के समय उसने जितने बुजुर्गों के पैर छुए सबने आशीवार्द दिया- सदा सुहागन रहो. ससुराल आयी, स्वागत हुआ मुह दिखाई हुई उसने जितने  बड़ों के पैर छुए सबने आशीर्वाद दिया- सदा सुहागन रहो. एक दिन मुनिया सोच रही थी बचपन में मैंने माँ का दूध अधिक उम्र तक पिया था माँ कुढ़ कर कोसती थीं इतनी बड़ी हो गयी अभी तक दूध पीती है तू मर क्यूँ नहीं जाती. पढ़ने जाने लगी कक्षा में फेल हो गई अध्यापिका ने कहा- तुम इतने ख़राब नंबर लाई हो तुम्हे डूब मरना चाहिए. बाली उम्र थी एक सजीले लडके से प्रेम करने लगी पिता भाई को मालूम हुआ बहुत पिटाई हुई सभी कोसने लगे- यह दिन दिखाने से पहले तू मर क्यूँ नहीं गयी. मुनिया की आँखों में आंसू आ गए मुझे किसी ने कभी लम्बी उम्र का आशीर्वाद क्यूँ नहीं दिया? एक दिन मुनिया सचमुच मर गई श्मशान घाट ले जाने के लिए उसका शव सजाया जाने लगा. सहसा मुनिया की आत्मा वापस आयी उसने देखा उसके सास ससुर क्या उसके माता पिता भी उसके पति को कोस नहीं रहे थे. क्यूंकि उनका आशीर्वाद जो फल गया था.

आपस की बात

बाप का सीना गर्व से फूलता नहीं कि उसका बेटा अब जवान हो गया है. क्यूंकि अब जवान होते ही बेटा घर छोड़ कर चला जाता है. २- बहु द्वारा बेटे को कब्जियाने के बावजूद सासें अभागी है कि वह अपनी बहुओं को कोस नहीं सकती कि बहू ने उनके बेटों को पल्लू में बाँध लिया है क्यूंकि अब लड़कियाँ साड़ी नहीं पहनती. ३- लम्बे बेटे का बाप कभी बेटे को बराबरी का नहीं देख पाता. क्यूंकि, बेटा उसे हमेशा नीची नज़रों से देखता है. ४- पहले सासें बहु को भंडारे की चाभियाँ और रसोईं का भार सौंपती थीं. अब ऐसा नहीं होता क्यूंकि बहु क्रेडिट कार्ड पसंद करती है और सास के पास भी क्रेडिट कार्ड ही होता है. ५- दादा को रोते देख कर पोते ने कहा- दादू, तुम रोते क्यूँ हो तुमने ही तो हमेशा पिताजी को कंधे पर लेकर सर चढ़ाया और गर्दन झुका ली. ६- वह आजीवन कर्ज़दार रहे और कर्ज़दार मरे भी. क्यूंकि उनके पास आजीवन ढेरों क्रेडिट कार्ड रहे.