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फ़रवरी 24, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कैसी आज़ादी !

बहुत अच्छे तुम चाहते थे अपनी आज़ादी अपने अधिकार किस कीमत पर दूसरों की आज़ादी छीन कर दूसरों के अधिकार छीन कर क्यों हैं तुम्हारी आज़ादी ही आज़ादी क्यों है तुम्हारे अधिकार ही अधिकार सोचोगे नहीं कभी सोचते, तो सोचते तुम्हे सड़क रोकने की आज़ादी है दूसरों का चलना फिरना रोकने का अधिकार है यह क्या है ? आज़ादी नहीं , अधिकार नहीं तो यह क्या है ? सोचो तुम , सोचोगे नहीं !