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सितंबर 4, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अर्थ व्यवस्था : ५ क्षणिकाएं

विरोधियों की हाय हाय का सेशन बाज़ार में  इन्फ्लेशन। @ खुदरा में न थोक में नज़र आती है महंगाई हर छह महीने के महंगाई भत्ते में नज़र आई। @@ बचत में जाए घट  क़र्ज़ में आये न नज़र समझ लीजिये कि कम हो गई ब्याज दर। @@@ जब न चले बन्दूक , न गोला बारूद की मार फिर भी मचा हो दुनिया में हाहाकार समझ लीजिये कि छिड़ गई है ट्रेड वॉर। @@@@ अमेरिका , चीन और जापान पर जिसकी हो आस्था समझ लीजिये उसे भारत की अर्थ व्यवस्था।