गुरुवार, 16 जनवरी 2020

पत्ते !


पतझड़ में पत्ते गिरते हैं

इधर उधर उड़ते, फैलते हैं

फिर गन्दगी नाम देकर

जला दिये जाते हैं

वह हरे पत्ते

जो पेड़ से गिरे थे ।

तीन किन्तु

 गरमी में  चिलकती धूप में  छाँह बहुत सुखदायक लगती है  किन्तु, छाँह में  कपडे कहाँ सूखते हैं ! २-   गति से बहती वायु  बाल बिखेर देती है  कपडे...