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अक्टूबर 12, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

समुद्र- पांच क्षण

छलक आईं मेरी ऑंखें समुद्र के किनारे पास चला आया समुद्र मुझे समझाने . २- याद आ गया गुज़रा ज़माना आ गया समुद्र में ज्वार. ३- नीला समुद्र भूरा आसमान मेरे पास और आसमान पर चाँद ज्वार आ गया. ४- रूठी चली गयी रेत की तरह फिसल गयी ५- मैं बैठा रहा समुद्र के किनारे तुमने डुबकी लगाई तुम मोती ढूंढ लाये मैं खारा हो चला .