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अप्रैल 8, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्रार्थना

बेटे ने कहा- माँ ! तू मरना मत मैं तेरे बिना कैसे जिऊँगा. माँ बीमार थी डॉक्टर ने जवाब दे दिया था. माँ की जीने की जिजीविषा थी या बेटे का विलाप कि माँ ठीक हो गयी. माँ ने कहा- बेटे की प्रार्थना मुझे लग गयी मैं बच गयी. माँ बेटे का बहुत ख्याल रखती चाहती बेटा ज़ल्दी से बड़ा हो जाये, अपने पैरों पर खड़ा हो जाये ताकि उसे माँ के सहारे की ज़रुरत न पड़े. बेटा नौकरी करने लगा माँ ने शादी कर दी सुन्दर बहु लायी सुशील भी लग रही थी माँ को माँ और खुद को उसकी बेटी मानती थोड़े दिन ऐसे ही गुज़रे फिर बेटी बहु बन गयी यहाँ तक कि बेटा भी बहु का पति बन गया एक दिन माँ और बहु साथ बीमार पड़ीं बेटे को लगा माँ बीमार है पर पत्नी बहुत ज्यादा बीमार है माँ ने कहा भी- बेटा बहुत तकलीफ हो रही है लगता है बचूंगी नहीं बेटे ने कहा- नहीं माँ! ऐसा मत कहो. तुम ठीक हो, मैं अभी तुम्हारी बहु को दिखला कर आता हूँ फिर तुम्हे अस्पताल ले जाता हूँ. बेटा पत्नी को डॉक्टर के पास लेकर चला गया माँ समझ गयी बेटा अब बड़ा हो गया है माँ के बिना रह सकता है. अब माँ को बेटे की प्रार्थना की ज़रुरत नहीं थी.