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जनवरी 16, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बेटी पैदा हुई

उदास थे पिता सिसक रही माँ बेटी पैदा हुई। मिठाई कहाँ बधाई कहाँ घर में शोक फैला यहाँ वहाँ। औरत के होते हुए यह क्या बात हुई। बेटी पैदा हुई। वंश की चिंता सब की चिंता उपेक्षित बेटी को कौन कहाँ गिनता। पढे लिखे समाज में जहालियत की बात हुई । बेटी पैदा हुई। वंश चलाने को बेटे की आस में माँ फिर माँ बनी बेटे के प्रयास में। भूंखों की फौज खड़ी नासमझी की बात हुई। बेटी पैदा हुई। बेटे की माँ ने बेटी की माँ ने भ्रूण हत्या की बेटी के बहाने। कैसे होगा बेटा अगर बेटी की न जात हुई।