धूप सर चढ़ आई थी
भूख लगने लगी थी
उसने खाने की पोटली निकाली
पानी की तलाश में इधर उधर दृष्टि डाली
न पानी था, न छाया थी
एक सूखा पेड़ खड़ा था उदास
वह पेड़ की लंबी छाया के आश्रय मे बैठ
गया
सूखा पेड़ खुश हो गया
भूखा खाता रहा
खाना खा कर
फिर पानी की तलाश मे इधर इधर देखा
निराश हो कर
ढेर सा थूक इकट्ठा कर पी गया
उदास पेड़ और सूख गया।