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फ़रवरी 15, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सहारा

अंधे की किस्मत ! उसकी एक आँखोवाली लड़की से शादी हुई जिसने देखा सराहा - चाँद सी बहू मिली है तुझे । वह इसे कैसे समझता उसने चाँद देखा ही कब था । फिर बच्चे का जन्म हुआ लोगो ने कहा- बिलकुल माँ पर गया है. वह इसे भी समझता कैसे! उसने तो माँ को तक नहीं देखा था. बच्चा बड़ा हुआ आँख वाला था इसलिए अच्छा पढ़ लिख गया । एक दिन न जाने क्या हुआ घर छोड़ कर भाग गया अंधे ने इसे अपनी किस्मत मान लिया फिर एक दिन खबर आई परदेश में एक दुर्घटना में बेटा मारा गया था. उसने अपनी अंधी आँखों से दो बूँद आंसू गिरा दिए पर वह कानों से सुन सकता था बच्चे के लिए बिलखती पत्नी की सिसकियों को । पत्नी बच्चे का गम सह न सकी दो दिन बाद वह भी मर गयी बेटे की याद में दो आंसू बहाने वाला अँधा दहाड़े मार कर रोने लगा क्यूंकि बेटा तो चाँद सा था लेकिन पत्नी तो सहारा भी थी.