गुरुवार, 22 जनवरी 2015

घरों में

सुबह
जब लोग सोये होते हैं
घर
तब मकान होते हैं। 
२.
रोशनदान
खिड़कियां
और दरवाज़े
सब खुले
सिर्फ
दिल न खुले।
३.
कीमती  सामान
और बड़े बुजुर्ग
सब  कीमती
इसीलिए
सब कोठरी में।
४.
घर में
माँ की इज़्ज़त
बहू इतनी करती है
किसी के आने पर
झाड़ू छीन लेती है। 
५.
घरों में अब
दादी- दादा के किस्से नहीं
किस्सों में दादी-दादा
सुने सुनाये जाते हैं। 

तीन किन्तु

 गरमी में  चिलकती धूप में  छाँह बहुत सुखदायक लगती है  किन्तु, छाँह में  कपडे कहाँ सूखते हैं ! २-   गति से बहती वायु  बाल बिखेर देती है  कपडे...