सोमवार, 8 अक्टूबर 2012

स्वेटर

जाड़ों में स्त्रियाँ
स्वेटर बुनती नज़र आती हैं
धूप में बैठी हुई
बात करती
तेज़  गति से सलाई चलाती
एक फंदा सीधा, एक उल्टा
या कुछ फंदे सीधे और कुछ उल्टे
या फिर ऐसे ही गणित के साथ
डिजाइन बनाती हैं।
स्वेटर लड़की के लिए भी बन रही है
और लड़के के लिए भी
लेकिन लड़का पहले है
कुल का चिराग है
कहीं ठंड न लग जाये
लड़के की स्वेटर की ऊन भी नयी है
लड़की के लिए मिक्स है।
लड़के की स्वेटर के डिजाइन में
खूबसूरत फूल हैं
हाथी घोड़े और चढ़ता सूरज है
लड़की के स्वेटर में
एक दुबली सी लड़की की डिजाइन है
डिजाइन वाली लड़की
न जाने हंस रही है या रो रही है
मगर स्वेटर पूरी होने को है।
 निश्चित रूप से
पूरी स्वेटर देख कर
पुलक उठेगी मुनिया
पिछले जाड़ों में तो
छेद वाली ही स्वेटर नसीब हुई थी न!

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