रविवार, 14 अक्टूबर 2012

मुंगेरीलाल के सपने

मैं मुंगेरीलाल हूँ
मैं सपने देखता हूँ ।
अरे तुम हँसे क्यों
मेरी आँखें
क्यों नहीं देख सकती सपने 
हर आँखों में नींद होती है
सपने होते हैं
सोने के बाद
सभी आँखें सपने देखती हैं
मैं भी देखता हूँ
शायद तुम यह सोचते हो कि
मेरे सपने तो
मुंगेरीलाल के सपने हैं
जो पूरे नहीं हो सकते
लेकिन, बंधु
हमारे देश के कितने लोगों के
सपने पूरे होते हैं
ज्यादातर सपने तो
जागने से पहले ही बिखर जाते हैं
कुछ आंखे तो
 सपनों के बिखरने के लिए आँसू बहाती हैं
इसके बावजूद
अगले दिन फिर सपने देखती हैं
हमारे देश में
मुंगेरीलाल सपने ही तो देख सकता हैं।
 

शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012

विभीषण

तीन भाई होते हुए भी
तीन भाइयों वाले राम से
इसलिए हारा रावण
कि
जहां राम के साथ
भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण थे
वही रावण के तीन भाइयों में
एक विभीषण जो था।



 

गुरुवार, 11 अक्टूबर 2012

सोचो राम !!!

प्रत्यंचा चढ़ाये
होठों में मुसकुराते /राम से
रावण ने कहा-
राम तुम राम न होते
मैं रावण नहीं होता
तुम वहाँ नहीं होते
मैं यहाँ नहीं होता
अगर,
थोड़ा रुक कर बोला रावण -
यहाँ अगर का बड़ा महत्व है राम
अगर तुम्हें
भाई घाती सुग्रीव न मिलता
तो तुम बाली को न मार पाते
बानरों से सीता का पता न पाते
अगर तुम
मेरे भाई को विभीषण न बनाते
तो मेरी नाभि के अमृत का पता न चलता
मेरी अमरता को मार न पाते ।
तुम  राम हो और मैं रावण  हूँ
क्योंकि
मुझे विद्रोही भाई मिले
जबकि तुम्हें भरत मिला ।
अगर भरत भी
विभीषण बन जाता
तो सोचो राम
क्या तुम राम बन पाते ?
अयोध्या के राजा बन कर
अपनी मर्यादा जता  पाते?
सोचो राम !!!

 

सोमवार, 8 अक्टूबर 2012

ऊन उलझी

जाड़ों  में
एक औरत
स्वेटर बुनती है ।
फंदा डालना है
फंदा उतारना है
अधूरे सपनों को
इनसे संवारना है
हरेक स्वेटर में
ज़िंदगी गुनती है।
जाड़ा आता है
जाड़ा चला जाता है
जिसने कुछ ओढा हो
उसे यह भाता है।
गुनगुनी धूप से
भूख कहाँ रुकती है।
जिंदगी की स्वेटर में
डिजाइन कहाँ
उलझी हुई ऊन से
सब हैं यहाँ
ऐसी ऊन से माँ
सपने बुनती है ।

स्वेटर

जाड़ों में स्त्रियाँ
स्वेटर बुनती नज़र आती हैं
धूप में बैठी हुई
बात करती
तेज़  गति से सलाई चलाती
एक फंदा सीधा, एक उल्टा
या कुछ फंदे सीधे और कुछ उल्टे
या फिर ऐसे ही गणित के साथ
डिजाइन बनाती हैं।
स्वेटर लड़की के लिए भी बन रही है
और लड़के के लिए भी
लेकिन लड़का पहले है
कुल का चिराग है
कहीं ठंड न लग जाये
लड़के की स्वेटर की ऊन भी नयी है
लड़की के लिए मिक्स है।
लड़के की स्वेटर के डिजाइन में
खूबसूरत फूल हैं
हाथी घोड़े और चढ़ता सूरज है
लड़की के स्वेटर में
एक दुबली सी लड़की की डिजाइन है
डिजाइन वाली लड़की
न जाने हंस रही है या रो रही है
मगर स्वेटर पूरी होने को है।
 निश्चित रूप से
पूरी स्वेटर देख कर
पुलक उठेगी मुनिया
पिछले जाड़ों में तो
छेद वाली ही स्वेटर नसीब हुई थी न!

रविवार, 7 अक्टूबर 2012

दरख्त जैसे मकान


मेरे शहर में
ऊंचे ऊंचे दरख्तों जैसे
एक के ऊपर एक चढ़े
मकान होते हैं 
जिनके सामने
ऊंचे दरख्त भी
बहुत छोटे लगते हैं
कभी
कबीर ने कहा था -
बड़ा भया तो क्या भया/
जैसे पेड़ खजूर /
पंथी को छाया नहीं /
फल लागे अति दूर ।
मेरे शहर के
इन गगनचुंबी दरख्तों पर
फल तो लगते ही नहीं 
छाया क्या खाक देंगे
दरख्तों को काट कर बने मकान।

गुरुवार, 27 सितंबर 2012

सबक

मरे जानवर की खाल से बना
जूता काटता है
पहनने वाले को /परेशान करने की
अपनी क्षमता का पता बताता है
अगर ज़िंदा आदमी
ऐसा कर सकता है
तो मरे का काम ही किया ना!
यही जूता
अगर उल्टे पाँव में पहनो तो
तत्काल/एहसास करा देता है
कि उल्टा पहन लिया
तब आदमी
जूते से सबक लेते हुए
सीधा काम क्यों नहीं करता!

 

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...